भारत में CNG आधारित प्रदूषण : एक वैज्ञानिक शोध-लेख
सार (Abstract)
भारत में CNG (Compressed Natural Gas) को पिछले दो दशकों से एक "स्वच्छ ईंधन" के रूप में प्रचारित किया गया है, विशेषकर दिल्ली-NCR जैसे महानगरों में। परंतु जमीनी स्तर पर बढ़ते AQI, स्थायी धुंध (Smog), और लोगों में बढ़ती थकान, श्वसन तथा न्यूरोलॉजिकल समस्याएँ यह संकेत देती हैं कि CNG आधारित परिवहन व्यवस्था में गंभीर वैज्ञानिक, तकनीकी और नियामक कमियाँ हैं। यह शोध-लेख CNG के रासायनिक संघटन, उसके लीकेज, वायुमंडलीय रासायनिक अभिक्रियाओं, स्मॉग निर्माण, स्वास्थ्य प्रभावों तथा भारत-विशेष परिस्थितियों का विश्लेषण करता है और विज्ञान-आधारित समाधान प्रस्तुत करता है।
1. भूमिका (Introduction)
दिल्ली और उत्तर भारत में वायु प्रदूषण केवल औद्योगिक धुएँ या पराली जलाने तक सीमित नहीं है। CNG वाहनों की अत्यधिक संख्या, अनियमित किट इंस्टॉलेशन और मीथेन लीकेज एक छुपा हुआ लेकिन प्रभावी प्रदूषण स्रोत बन चुका है। यह शोध इस धारणा को चुनौती देता है कि CNG अपने आप में पूर्णतः स्वच्छ ईंधन है।
2. CNG का वैज्ञानिक संघटन (Chemical Composition of CNG)
CNG मुख्यतः प्राकृतिक गैस को संपीडित (200–250 bar) करके बनाई जाती है। इसका संघटन इस प्रकार है:
मीथेन (CH₄): 90–95%
एथेन (C₂H₆): 2–4%
प्रोपेन/ब्यूटेन: सूक्ष्म मात्रा
CO₂, N₂: ट्रेस मात्रा
सल्फर यौगिक: क्षेत्रीय भिन्नता के अनुसार
मीथेन एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है, जिसकी ग्लोबल वार्मिंग पोटेंशियल (GWP) CO₂ से लगभग 28–34 गुना अधिक है (100 वर्ष की अवधि में)।
3. CNG दहन बनाम CNG लीकेज
3.1 आदर्श परिस्थितियों में दहन
पूर्ण दहन की स्थिति में: CH₄ + 2O₂ → CO₂ + 2H₂O + Energy
इस प्रक्रिया में PM2.5 और SO₂ कम बनते हैं, इसलिए CNG को स्वच्छ कहा गया।
3.2 वास्तविक भारतीय परिस्थितियाँ
भारत में:
लोकल मैकेनिक द्वारा किट फिटिंग
खराब पाइपिंग और सील
गलत प्रेशर कैलिब्रेशन
लीकेज डिटेक्शन सिस्टम का अभाव
इन कारणों से Unburnt Methane सीधे वातावरण में जाती है।
4. मीथेन लीकेज और वायुमंडलीय रसायन (Atmospheric Chemistry)
लीक हुई मीथेन सीधे PM नहीं बनाती, लेकिन यह Photochemical Smog की जड़ है।
4.1 रासायनिक अभिक्रिया श्रृंखला
1. CH₄ + OH• → CH₃• + H₂O
2. CH₃• + O₂ → Formaldehyde (HCHO)
3. HCHO → CO + O₃ (Ground Level Ozone)
4.2 परिणाम
ग्राउंड लेवल ओज़ोन (O₃)
Secondary PM2.5
PAN (Peroxyacetyl Nitrate)
यही तत्व आँखों में जलन, साँस में तकलीफ और नीली-सफेद धुंध के लिए ज़िम्मेदार हैं।
5. दिल्ली-NCR और हाईवे क्षेत्रों में स्थायी धुंध
दिल्ली से जयपुर जैसे हाईवे क्षेत्रों में भी प्रदूषण इसलिए बना रहता है क्योंकि:
मीथेन की वायुमंडलीय आयु लंबी होती है
हवा के साथ 100–200 किमी तक यात्रा
रात्रि में तापीय इनवर्ज़न लेयर
इससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी AQI खराब रहता है।
6. स्वास्थ्य प्रभाव (Human Health Impact)
6.1 वाहन के अंदर
CNG गंधहीन होती है
धीमी लीकेज का पता नहीं चलता
ऑक्सीजन डिस्प्लेसमेंट
6.2 शारीरिक प्रभाव
ब्रेन हाइपॉक्सिया
अत्यधिक थकान
सिर भारी होना
चक्कर, घबराहट
लंबी ड्राइव के अभ्यस्त व्यक्ति का भी 3–4 घंटे में अत्यधिक थक जाना एक वैज्ञानिक चेतावनी संकेत है।
7. भारत बनाम अंतरराष्ट्रीय मानक
पैरामीटर अंतरराष्ट्रीय भारत
Leak Sensor अनिवार्य प्रायः अनुपस्थित
वार्षिक प्रेशर टेस्ट अनिवार्य दुर्लभ
इंस्टॉलेशन प्रमाणित इंजीनियर लोकल मैकेनिक
मीथेन मॉनिटरिंग सक्रिय लगभग नहीं
8. वैज्ञानिक समाधान (Science-Based Remedies)
8.1 तात्कालिक उपाय
CNG लीकेज सेंसर अनिवार्य
6 माह में प्रेशर व लीकेज टेस्ट
केबिन में CH₄/CO डिटेक्टर
8.2 मध्यम अवधि
BIS + अंतरराष्ट्रीय सर्टिफिकेशन
अनधिकृत फिटिंग पर प्रतिबंध
रियल-टाइम मीथेन मॉनिटरिंग स्टेशन
8.3 दीर्घकालिक समाधान
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी
ग्रीन हाइड्रोजन
पब्लिक ट्रांसपोर्ट इलेक्ट्रिफिकेशन
शहरी वेंटिलेशन कॉरिडोर
9. निष्कर्ष (Conclusion)
यह शोध स्पष्ट करता है कि भारत की मौजूदा परिस्थितियों में CNG एक अविनियमित मीथेन प्रदूषण स्रोत बन चुकी है। समस्या ईंधन से अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर, निगरानी और नीति की विफलता की है। जब तक CNG सिस्टम को वैज्ञानिक, तकनीकी और नियामक रूप से सुधारा नहीं जाता, तब तक इसे पूर्णतः स्वच्छ ईंधन कहना भ्रामक होगा।
संदर्भ (Indicative References)
IPCC Methane Assessment Reports
Atmospheric Chemistry Journals
WHO Air Quality Guidelines
IIT एवं TERI शोध-पत्र
No comments:
Post a Comment