Monday, September 29, 2014

बाजीराव - मस्तानी


अपनी मांग सही थी या प्रेमी का व्यवहार सही था प्रेम में यह  सोचने का अवकाश नहीं रहता है ।जहां  लेने से इंकार होता है और देने का आग्रह होता है वहीँ  असली प्रेम पनपता है बाजीराव मस्तानी के प्रेम के मार्ग पर बेशक कांटे बिछे थे फिर भी उन प्रेमियों ने अपने रूहानी प्रेम का मूल्य अपने बलिदान से चुकाया बाजीराव मस्तानी के प्रेम की  गहराई अपरिमेय है   उनकी अमर  प्रेमगाथा युगों युगों तक लोगों के ह्रदय में वास करेगी

 साधनों के आभाव में बुन्देल नरेश वीर क्षत्रसाल प्रयाग के आक्रांता सूबेदार    मुहम्मद खां वंगश  द्वारा पराजित हो जाते हैं  वंगश क्षत्रसाल को बंदी बना लेता है इस बात की की सूचना जब मराठा वीर बाजीराव को मिलती है तो वह अपनी विशाल सेना लेकर क्षत्रशाल को वंगश  से मुक्त करवाने के लिए निकल पड़ते हैं 

बाजीराव मुहम्मद खां वंगश  को पराजित कर क्षत्रसाल को मुक्त करा  देते हैं क्षत्रसाल मुक्त होते ही बाजीराव को प्रेम से गले लगाते हैं

मस्तानी क्षत्रसाल के सम्राज्य की अभूतपूर्व सुन्दर नर्तकी थी जिस समय क्षत्रसाल और बाजीराव आपस में बात कर रहे होते हैं तो मस्तानी बाजीराव के आकर्षक व्यक्तित्व से सम्मोहित होकर उसे निहार रही होती है मस्तानी ने बाजीराव की वीरता के अनेकों प्रसंग  सुने हुए थे बाजीराव को सामने देख मस्तानी अपने नयनों के उमड़ने  वाले प्रेम को छुपा सकी | बाजीराव ने  भी मस्तानी को देखा  तो  देखता ही रह गया ,वह उसके  चित्ताकर्षक मोहिनी  सुरत में उलझ कर रह गया

रात्रि  में भोजन के पश्चात , छत्रसाल ने मस्तानी को नृत्य करने का आदेश दिया मस्तानी ने ऐसा जीवंत नृत्य किया की बाजीराव मन्त्र  मुग्ध हो उठे   | मस्तानी का सौंदर्य और उसकी कला बाजीराव के दिल और दिमाग में   रच बस गई

छत्रसाल बाजीराव और मस्तानी के अंतरंग भावों को अच्छी तरह समझ चुके थे उन्होंने विदाई के समय मस्तानी की जिम्मेदारी   प्रेमसहित बाजीराव को सौंप  दी 

बाजीराव मस्तानी को अपने राजमहल ले गए दोनो एक दूसरे से बेइंतहा महोब्बत करते थे लेकिन दोनों के इस प्रेम से राजपरिवार बेहद ख़फ़ा  था राज़ - पुरोहितों ने शर्त रखी  की रघुनाथराव का यज्ञोपवीत एवं सदाशिवराव का विवाह-संस्कार उस समय  तक नहीं होगा तब तक मस्तानी को महल से हटा नही दिया जाता है

राजपुरोहितों  के अत्यधिक विरोध को देखते हुए बाजीराव ने कुछ समय के लिए मस्तानी को महल से हटा दिया बाजीराव को मस्तानी से  रूहानी प्रेम था लेकिन कर्त्तव्यों और राजहित के लिए उन्हें मज़बूरन अपनी खुशियों को तिलाँजलीदेनी पड़ी

निज़ाम का संकट पूना के ऊपर मंडरा रहा था । बाजीराव एक बड़ी सी सैना लेकर निज़ाम से टक्कर लेने के लिए पूना से कूच करने वाले थे । बाजीराव युद्धभूमि में जाने से पहले एक बार छदम भेष धर  कर मस्तानी से मिलाने पहुँच जाते हैं   मस्तानी अचानक उन्हें अपने सामने देख कर भावविभोर हो जाती है   मस्तानी आपने प्रेमाश्रु से बाजीराव की पोशाक  को धोती रह जाती है मस्तानी अत्यंत कतार  होकर बाजीराव से उसे भी युद्धभूमि में ले जाने का अनुरोध  करती है लेकिन बाजीराव अपने राज   कर्त्तव्यों  से बंधे होते हैं और मस्तानी को अपने साथ रणभूमि में ले जाने की अपनी असमर्थता ज़ाहिर करते हैं

 मस्तानी का दिल टूट जाता है लेकिन बाजीराव के मान -सम्मान के लिए मस्तानी साथ जाने की जिद छोड़ देती है मस्तानी बाजीराव को अपने पैरों के पायल देती है और कहती है की अब वह नर्तकी नहीं रही इसलिए उन पायलों की उसके लिए कोई उपयोगिता नही है

बाजीराव  मस्तानी के निर्दोष प्रेम से आकंठ डूब जाते हैं मस्तानी ने बिना किसी शर्त के उनसे प्रेम किया था और  अपने प्रेम के लिए वह    दुनिया की बड़े से बड़ी क़ुरबानी देने को भी  तैयार थी

बाजीराव मस्तानी के बाएं हाथ में अपने हीरे की अंगूठी पहना देते हैं और कहते हैं जब जब उनकी याद आएगी  तब तब उस अंगूठी को देखने से मस्तानी को उस अंगूठी  में बाजीराव दिखाई देंगें इस तरह मीलों दूर रहते हुए भी बाजीराव मस्तानी की यादों में हमेशा बसे  रहेंगें मस्तानी के रूहानी प्रेम को प्रतिपल याद रखने के लिए बाजीराव मस्तानी की पायल को अपने साथ ले कर रणभूमि की ओर अग्रसर होते हैं । 

रणक्षेत्र में पहुँचने से पहले ही बाजीराव को खबर मिलती है की मस्तानी को कैद कर लिया गया है बाजीराव क्रोधित हो उठते  हैं उन्होंने सोचा की युद्ध से पहले वापस जाकर  मस्तानी को आज़ाद करवाया जाए लेकिन उंसके प्रेम के ऊपर राजकर्त्तव्य हावी हो जाता है | और बाजीराव मस्तानी के पायलों को अपने सीने  से लगा कर रणभूमि का रुख करते हैं


निज़ाम को एक घमासान  युद्ध में बाजीराव ने पराजित कर दिया  । युद्ध समाप्त हो जाता  है बाजीराव  राजमहल लौट जाते हैं प्रजा और राजपरिवार  के  विद्रोह के कारण  बाजीराव मस्तानी को कैद से आज़ाद  नहीं करवा पाते हैं पायल जब भी बजती थी तो  बाजीराव को लगता था की  मस्तानी जोर जोर से  रो रही है और उन्हें धिक्कार रही है मस्तानी की याद में बाजीराव दिन भर  खोये रहते थे   उनका स्वास्थ्य दिन बा  दिन बिगड़ता जाता है मस्तानी से बिछड़ने का ग़म  बाजीराव और अधिक सहन नहीं कर सके और इस निर्दयी दुनिया से हमेशा के लिए रुखसत हो गए

जब मस्तानी को बाजीराव की मृत्यु की खबर मिली तो वह यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाई उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया और ऐसी ही  विछिप्त मनोस्थिति में मस्तानी   बाजीराव द्वारा दी गई हीरे की अंगूठी को चाटकर अपने प्राण त्याग देती है  बाजीराव का नाम अपने होंठों पर लिए पगली  मस्तानी अपने जीवन के ताल और तान को समेटे हुए वहीँ  पहुंच गई जहां बाजीराव पहुँच चूका था । 

द्वारा
गीता झा

Friday, September 26, 2014

Astrological reasons for failure in Love Relationships


There are many reasons why love relationships fail. Generally a romantic relationship fails due to infidelity, jealousy, addiction, lack of attention, abusive behaviors, severe money problems, and social  and cultural differences.

There are many astrological factors which cause people to fall in love. And there are many astrological combinations due to which many of these romantic relationships are not converted into a marriage.

Factors responsible for love relationship dynamics

  1.  Ascendant lord/house: nature and aptitude of the native  
  2. 5th house/lord: inclination towards sensual or lascivious pleasure.
  3. 7th house lord: marriage, spouse, love, harmony.
  4. 9th house/lord: satisfaction of desires, inner virtues .
  5. Venus: significator of wife, sexual pleasure, erotic in nature.  
  6. Moon: indicates mind, mood, governs emotions.
  7. Saturn/Sun/Rahu: they are separative planets responsible for breakups.

When does love blooms in the air
  1. A love relationship may establish during the Dasha of lord of ascendant/5th/7th/9th house or the Dasha of the planets placed in these houses.
  2. Most love affairs begin in the Dasha of Mercury/ Rahu/ Venus / Moon irrespective of their placement in any house in the horoscope.
 Timing for break-up of a romantic relationship 
  1. Love relationship might be unsuccessful during the Dasha of the lord of 6th/8th/12th house or Dasha of planets sitting in 6th/8th/12th house .
  2. A love relation might terminate in the Dasha of Saturn.
  3. 5th house/lord is weak or aspected by Rahu/Ketu /Saturn/ Mars , the love relationship may terminate.
  4. A romantic relation might be unsuccessful if Sun is related to 5th house by placement/lordship/aspect.
Romantic affairs not culminating into marriage
  1. If the lord of 7th house as a main Significator of marriage do not have any relation with ascendant/5th/9th house/lord; the love affairs do not culminate into marriage in this case. 
  2. When lord of 5th house is placed in 9th house, or lord of 9th is placed in 5th house, there will be only romantic relation but no marriage.
  3. Weak/afflicted 5th and 9th house/lord indicates denial of marriage inspite of several love affairs.
.Reasons for multiple love relationships and breakups
  1. Venus significator of love is debilitated in chart denotes multiple breakups.
  2. Venus and Saturn related in any way in the horoscope indicates more than one love relationships.
  3. Venus and Saturn placed in 6th/12th house and related to each other, indicates possibilities of multiple love relationships.  
  4. Debilited Venus and Mars combined in a house.
  5. Venus and Mars exchange each other’s signs.
Salman Khan's horoscope 













  1. Venus as the  lord of 7th house combined with  Mars  in 10th house and aspected by Rahu indicates multiple  love affairs and breakups. 
  2. Sun as a lord of 5th house  is placed in 9th house , indicates termination of  love relationships before marriage.
  3. Moon  is afflicted by Saturn,indicates Punarphoo yoga, implies obstacles not only during negotiation but also at the time of fixation even at the time of celebration of marriage .   


By
Geeta Jha
India