कृष्ण !!!! तेरी याद सदाबहार फूल के जैसे मेरे दिल में हर समय महकती रहती है । मुद्धते बीत गई मालूम नहीं मैं कबसे तुमसे बिछुड़ी हुई हूँ । युग पर युग , जन्म पर जन्म बीत गए , मैं एक आवारा सितारा,
एक अणु , एक शरीर, एक आत्मा अपनी एक छोटी सी पहचान लिए चलते चलते, घूमते घूमते, चक्कर काटते काटते कितनी
योनियों में पैदा हुई फिर भी मैंने तेरी पवित्र विरहाग्नि की लौ को कभी बुझने नहीं दिया |
तेरे सांवले चहरे के आकर्षण और मोहिनी से मैं आज तक मुक्त नहीं हो पाई हूँ | मेरी
घनी , घुमावदार , निराश और उदास पलकों में
तेरा अक्स हमेशा के लिए कैद है । गहरी उदासी
के नीले समुन्द्र की लहरों में थपेड़े खाते हुए
, मैं अपने ह्रदय में व्याकुलता लिए हुए
हर पल किनारे लगने के लिए बेकरार हूँ ।
कभी कभी तेरी बंसी कि तान मेरे भावनाओं की सिमटी हुई दुनिया में हलचल मचा देते हैं । मेरा दिल मीठे दर्द में सराबोर हो जाता है और मेरे होंठों पर एक अजीब निराशापूर्ण मुस्कराहट फ़ैल जाती है। तेरी बंसी की उस नाजुक लय पर मेरी बेसब्र विरहणी रूह खिंची चली जाती है ।
कभी कभी तेरी बंसी कि तान मेरे भावनाओं की सिमटी हुई दुनिया में हलचल मचा देते हैं । मेरा दिल मीठे दर्द में सराबोर हो जाता है और मेरे होंठों पर एक अजीब निराशापूर्ण मुस्कराहट फ़ैल जाती है। तेरी बंसी की उस नाजुक लय पर मेरी बेसब्र विरहणी रूह खिंची चली जाती है ।
नदी की खामोश सतह पर फैली हुई जादू भरी रोशनी , मेरे अंदर जन्मों जन्मों से प्रेम कि दबी हुई आग को भड़का देती है , और एक बिछुड़े हुए प्रेमी कि याद में गुलाब की कोमल पंखुण्डियों से नाजुक मेरे गालों पर आंसू कि पंक्तियाँ उकर जाती हैं । मैं उन आंसुओं को नही पौंछती क्योंकि
मेरा पाकीजा दिल इनके भेद को जानने के लिए बेताब है।
शायद कभी तुम प्रकाश के महास्रोत बन कर एक कभी नहीं डूबने वाली कश्ती में सवार होकर आओ और मेरे चहरे पर आसुंओं के जमी हुई काजल के स्याह परतों को पोंछ कर हँसते हुए अपनी निराली यात्रा में मुझे भी शामिल कर लो ।
उस सपनीले मिलन बेला में चमचमते हुए असंख्य सितारों
की कंप कंपाती रौशनी में
, मैं चोर निगाहों
से तुम्हारी सफ़ेद दूध जैसी बेदाग चांदनी वाली मुस्कान
देखूंगी और मैं पहली बार असीम सब्र की एक सांस लूंगी । शायद फिर भी मैं तुमसे यह कह न सकूं कि उस समय भी मेरा दिल यह सोच कर धड़क रहा होगा कि कहीं
यह अजर और अमर क्षण समाप्त न हो जाए और तुम फिर से अपरिचित बन मुझे अनंत इंतज़ार के पलों में न धकेल दो।
आग बरसाती
हुई तपती हुई दोपहरी में , एक ढेढ़ी मेढ़ी संकरी पगडण्डी बन कर एक विराट आसमान के सीने को छूने की मेरी यह कोशिश शायद तुमें बचकाना लगे , और तुम मेरी इस अशिष्ट सोच पर हंसो भी |
तुम्हारे लिए मेरी यह बेपर्दा महोब्बत शायद तुम कभी समझ सको और मेरा तन्हा दिल सकून पा सके ! मैं अपनी नज़रें नीची किये हुए लड़खड़ाते क़दमों से अपने तलवों की थकान कि परवाह किये बिना , भूखी प्यासी उस असीम , अज्ञात कठिन यात्रा में तुम्हारी सहयात्री बनूँगी क्योंकि इस बार मैंने नहीं तुमने मेरा हाथ थामा है ।
द्वारा
Hi, Geeta ! How can I contact you ? Do you have a mail, please ?
ReplyDelete(Urgent astrology question on a recent criminal case : the abduction of 9 years old Maelys de Araujo. People would like to know if the little girl is still alive.)
http://psychic.bitwine.com/forums/9-ask-a-psychic/topics/141431
https://www.websleuths.com/forums/showthread.php?347972-France-Ma%EBlys-De-Araujo-9-Pont-de-Beauvoisin-27-Aug-2017
If you know you not ready for a relationship why get into one and still cheat and liar. I was dying inside for my cheating wife, i had no prove, no one to run to. Everyone thought i was paranoid. until i was referred to a Private Investigator Mr James . I told him about my situation and He understood me well and helped me spy on my wifes iphone.He hacked her Gmail and Facebook account and linked all her WhatsApp and phone conversation to me, to find out the truth.I saw all the evidence and i was heart Broken,I just want to openly say thank you Mr James for helping me get evidence against her,i feel so hurt. If you need help please contact him (Worldcyberhackers@gmail.com) via email.
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