अब के
बरस भेज भैय्या को बाबुल, सावन में लीजो बुलाए रे |
लौटेंगी जब मेरे बचपन की सखियाँ, देजो संदेशा भिजाए रे |
अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल ...
अम्बुवा
तले फिर से झूले पड़ेंगे, रिमझिम पड़ेंगी फुहारें |
लौटेंगी फिर तेरे आंगन में, बाबुल सावन की ठंडी बहारें ||
लौटेंगी फिर तेरे आंगन में, बाबुल सावन की ठंडी बहारें ||
छलके नयन मोरा कसके रे जियरा, बचपन की जब याद आए रे |
अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल ...
बैरन जवानी ने छीने खिलौने, और मेरी गुड़िया चुराई |
बाबुल थी मैं तेरे नाज़ों की पाली, फिर क्यों हुई मैं पराई ||
अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल ..
अब के
बरस भेज भैय्या को बाबुल, सावन में लीजो बुलाए रे |
लौटेंगी जब मेरे बचपन की सखियाँ, देजो संदेशा भिजाए रे ||
अब के
बरस भेज भैय्या को बाबुल, सावन में लीजो बुलाए रे |
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