गुजराती शाकाहरी भोजन स्वाद के छहों रसों से भरपूर, स्वस्थकारी और स्वादिष्ट होता है। गुजराती व्यंजन, सर्दियों और गर्मियों के लिए विभिन्न व्यंजनों के साथ, काफी हद तक मौसम पर भी निर्भर करता है। पोषण के सभी पहलू जैसे कार्बोहायड्रेट्स्, प्रोटीन्स्, फैट्स्, विटामिन्स् और मिनरल्स् जो कि चपाती, चावल, सब्ज़ियाँ, दाल, सलाद, मीठा और दूध की पदार्थों से मिलते हैं। गुजराती व्यंजन विविधता लिए रहते हैं। सौराष्ट्र, कच्छ और पूर्वी गुजरात में व्यंजनों को पकाने, उनके स्वाद और उनके प्रस्तुतीकरण में पर्याप्त विविधता है। इन क्षेत्रों के सभी व्यंजनों में एक आम बात होती है और वह ये है कि उनमें मिठास की एक छोटी सी रंगत होती है – और यह इसलिये क्योंकि गुजराती पकवान में अक्सर गुड़ का प्रयोग किया जाता है। हींग , बेसन , करी पत्ते और छास का प्रयोग भी प्रचुरता से किया जाता है। स्वादिष्ट गुजराती व्यंजन भारत के साथ विदेशों में भी खासे लोकप्रिय है और यह लोगों को चटकारे ले कर उंगलियां चाटने के लिए मजबूर कर दते हैं।
ढोकला :
बेसन से बना यह स्नैक पूरे भारत में लोकप्रिय है | फरमेन्ट किये हुये बेसन के बैटर को स्टीम किया जाता है और फिर उसमें कुछ मसालों के साथ तड़का मारा जाता है। इस मीठे, तीखे और नमकीन स्नैक को दिन के किसी भी समय खाया जाता है। इसे खम्मन भी कहा जाता है।
फाफड़ा:
ये कुरकुरे तले हुये बेसन के मसालेवाले लोई से बने हुये लम्बे स्ट्रिप्स् गुजरात के सबसे लोकप्रिय ब्रेकफास्ट आइटम में से एक हैं। इन्हे कई बार चटनी और जलेबियों के साथ परोसा जाता है। मकर सक्रांति के अवसर पर जलेबी और फाफड़ा प्रचुरता से खाया और खिलाया जाता है ।
उन्धियो:
खान्डवी:
खाखरा :
दूधी ना मुठिया:
ये कसे हुये दूधी/लौकी, बेसन, आटा और कुछ मज़ेदार मसालों से बने डम्पलिंग्स् होते हैं। इन्हे एक स्नैक की तरह खाने के साथ-साथ किसी मील के साथ भी खाया जा सकता है।
थेपला:
दाल ढोकली:
ये अपने आप में ही एक सम्पपूर्ण मील होता है। रोटी की तरह चपटी, मसालेदार आटे के डम्पलिंग्स् के टुकड़ों को एक गाढ़े मीठे और तीखे दाल में सोखा जाता है।
सेव टमेटा नू शाक:
ओसामन:
भिगोई हुई तुअर या अरहर की दाल के पानी से बनी पर स्वाद
और पोषण से भरी हुई रेसिपी यह रसम की तरह तीखी नहीं होती है ।
मोहनथाल:
बेसन शुद्ध घी और खूब सारे ड्राई फ्रूट्स से बनी हुई लज्जत दार बर्फी !
गठिया :
बेसन और अन्य मसलों से बनने वाला स्वादिष्ट स्नैक ।
भरेला रेंगन :
पात्रा :
मसाला भर कर रोल बना कर स्टीम कर के बनाया जाता
गूंधे हुए बेसन और मैदे में मसाले भर कर बनाये जाते हैं । एयर टाइट डिब्बों में यह कई दिनों तक सुरक्षित रहती हैं ।
चकली :
कचारियु :
गुड , तिल और ड्राई फ्रूट्स के मिश्रण से बनाये जाते हैं , ठंडी के मौसम में बनाया जाता है ।
कैबेज सम्भारो :
श्रीखण्ड :
चूरमा न लाडू :
गेहूं के आटे , सूजी, शुद्ध घी , गुड
और विभिन्न ड्राई फ्रूट्स से स्वादिष्ठ
लड्डू बनाया जाता है ।
चोलाफली
बेसन, उड़द दाल और मूंग दाल को एक निश्चित मात्र में नमक और मसलों के साथ मिला कर डीप फ्राई कर बनाया जाता है ।
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