वक्त ने किया क्या हसीं सितम
तुम रहे ना तुम हम रहे ना हम
बेकरार दिल इस तरह मिले
जिस तरह कभी, हम जुदा न थे
तुम भी खो गये, हम भी खो गये
एक राह पर चल के दो कदम
जायेंगे कहाँ, सूझता नहीं
चल पड़े मगर रास्ता नहीं
क्या तलाश है, कुछ पता नहीं
बुन रहे हैं दिन ख्वाब दम-ब-दम
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