Wednesday, June 24, 2015

ज्योतिष में अपरमित आयु {Immeasurable Age in Astrology}


भारत के  प्राचीन ग्रंथों में अनेकानेक प्रमाण  मिलते हैं की कई लोग सैकड़ों या  हज़ारों वर्षों  तक जीते हैं  । वर्तमान में भी बहुतेरे लोगों का पता चलता है जो 100 से 300 साल तक जीवित रहे थे । सिद्धियों और योग के बल पर उम्र को अपने वश में करने के लिए विख्यात देवरहा बाबा विश्वप्रसिद्ध थे । कहा जाता है की उनकी आयु ढाई सौ से पांच सौ के बीच थी । देवराह बाबा के अलावा  तैलंग स्वामी भी एक उच्च कोटि के योगी थे जिनकी आयु  का अनुमान 300 साल  के आस पास लगाया जाता है ।हिमालय में निवास करने वाले महावतार बाबा की के विषय में कहा  जाता है की उनकी आयु 2 ,000 वर्ष से भी अधिक है । अभी भी कई साधकों और योगियों ने महावतार बाबा जी के दर्शन किये हैं उनके अनुसार बाबा जी अभी भी 25 वर्ष के नवयुवक योगी के भांति दिखते हैं ।

हमारे धर्म ग्रंथों में कुल आठ ऐसे लोगों के बारे में जानकारी मिलती है जो अमर हैं | भगवान परशुराम ,कृपाचार्य ,मार्कण्डेय ,हनुमानजी,राजा बलि, विभीषण ,वेद-व्यास , अश्वत्थामा आठ अमर चिरंजीव माने जाते हैं  जिनकी अपरमित आयु मानी जाती है ।

ज्योतिष में   अपरमित आयु के योग
  1. यदि कुम्भ लग्न हो और उसमें सूर्य बैठा हो और गुरु  2 /12 वें भाव में स्थित हो तो जातक उच्च कोटि  का योगी होता है और योगाभ्यास या रसायन विद्या के बल पर हज़ार वर्ष तक जीता है ।
  2. सिंह लग्न में गुरु कर्क राशि में स्थित हो ,बुद्ध कन्या राशि में और पाप ग्रह 3 ,4 ,5,6 और 11वें भाव में स्थित हो तो जातक हज़ार वर्ष तक जीता है ।
  3. कुंडली में लग्न से प्रारम्भ करके यदि पहला ग्रह शनि हो और अंतिम ग्रह मंगल हो तो जातक अमर होता  है  । जबकि सभी ग्रह शनि और मंगल के अंतर्गत हो तो जातक उच्च कोटि का योगी होता है लेकिन इस योग में  से आयु के सम्बन्ध में कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है जैसे नरसिंह भारती ,विवेकानंद, अरविन्द घोष ।
  4. शुक्ल पक्ष का जन्म हो और कर्क लग्न में गुरु स्थित हो और चतुर्थ भाव में शनि हो और सप्तम में मंगल हो तो हज़ार वर्ष की आयु होती है । प्रभु श्रीराम की कुंडली में यह योग उपस्थित है ।
  5. सिंह लग्न में मंगल और सूर्य 4 भाव में हो ,राहु 12 वें भाव में हो और शेष ग्रह 2 भाव में स्थित हो तो जातक हज़ार वर्ष तक जीता है ।
  6. मेष लग्न में राहु किसी शुभ ग्रह के साथ लग्न में स्थित हो , गुरु 10 वें भाव में ,मंगल 7 वें भाव में और बली चन्द्रमा 12 वें भाव में बैठा हो तो जातक रसायन विद्या के बलपर कम से कम 2 ,000 वर्षों तक जीवित रहता है ।
  7. मेष लग्न में ,कर्क में सूर्य,मकर में शनि ,तुला में मंगल और मीन में बली  चन्द्रमा हो तो जातक 2 ,000 वर्षों तक जीता है ।
  8. कर्क लग्न में लग्न में गुरु और चन्द्रमा स्थित हो ,शुक्र और बुद्ध केंद्र में हों और अन्य ग्रह 3 ,6 ,11  में बैठे हो तो जातक चिरायु होता है ऐसे योगमें आयु गणना की आवश्यकता नहीं होती है ।

द्वारा
गीता झा 

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