Saturday, January 23, 2016

हुना मैडिटेशन से रिया को कैसे लाभ हुआ



रिया वर्मा दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स की  एक होनहार  छात्रा थी, उसी इंस्टिट्यूट में सौरभ मिश्रा उसके साथ पढ़ा करता था रिया और सौरभ में  काफी अच्छी दोस्ती थी और दोनों एक दूसरे से प्यार भी करने लगे थे ,लेकिन रिया के परिवार वाले उनके इस रिश्ते के सख्त खिलाफ थे और पढ़ाई पूरी करते ही परिवार वालों ने जबरदस्ती रिया की शादी अपनी बिरादरी के धनबाद के एक प्रतिष्ठित परिवार में कर दी

विवेक सहाय ,रिया का पति कोल्  इंडिया में इंजीनियर था संयुक्त परिवार में रहते हुए एक प्राइवेट फर्म में काम करते हुए रिया का जीवन अच्छा गुजर रहा था रिया के जीवन में ग्रहण तब लगा जब रिया को मालूम चला की उसने जिस संतान को जन्म दिया है वह मेंटली रेटार्डेड के होने के साथ साथ एक स्पास्टिक चाइल्ड भी  है ।उसने काफी डॉक्टर्स को दिखाया और उसे मायूसी हुई की उसका बच्चा कभी एक सामान्य जीवन नहीं जी पायेगा । अब उसके ससुराल वालों और यहां तक की उसके पढ़े लिखे पति ने रिया को ही ऐसी संतान को जन्म देने के लिए कोसना शुरू किया ....

  लेकिन रिया तो माँ थी उसके लिए तो उसका  बच्चा कलेजे का टुकड़ा था , उसकी देख भाल करने के लिए  रिया ने खुद अपनी नौकरी से भी इस्तीफा  दे दिया था ।  रिया के ससुराल वाले ऐसे बच्चे को उसके  पूर्व जन्म का श्राप मानते और रिया की कोख को ऐसे  बच्चे को जन्म देने के लिए ताने कसते रहते थे  । रिया फिर भी अपने बच्चे की ख़ातिर सब कुछ सहती और अपने बच्चे की देखभाल करती रिया को तब बहुत दुःख होता जब उसका पति उसे एक दूसरे  सामान्य  बच्चे को  जन्म देने के  लिए दबाब डालता उसके पति ने कहा की वह इस बच्चे को उसके नाना नानी के पास छोड़ आये , जब तक वह जियेगा रिया के माँ -बाप उसका पालन पोषण कर लेंगें   लेकिन रिया जानती थी की अभी  अगर वह दूसरे बच्चे को जन्म देगी तो  वह इस बच्चे पर उचित ध्यान नहीं दे पाएगी    रिया को अंदर ही अंदर  काफी दुख होता की उसका पढ़ा लिखा पति   बच्चे का इलाज़ करवाने की जगह उससे पीछा छुड़ाने  के चक्कर में है ,जैसे  वह खाली रिया का ही बच्चा हो और उसके पति का उससे  कुछ भी लेना देना ना  हो

किसी तरह से रिया के 2  साल गुज़र गए अब रिया के ससुराल वाले रिया के पति की दूसरी  शादी  की धमकी देने लगे थे   रिया  एक स्वाभमानी लड़की थी, और अपने जिगर के टुकड़े को वह बहुत प्यार भी करती थी, वह जानती थी की उसका मासूम बेटा बेक़सूर है , जब जब वह उस बच्चे के बारे में  उलटी सीधी सुनती उसका दिल दहल जाता था उसका पति भी  उससे बेरुखी से पेश आता था  

मां का प्यार बेशर्त होता है रोज़ रोज़ के तानों और अपने बच्चे के प्रति सबकी उपेक्षा ने रिया को तोड़ दिया था और उसने आपसी रज़ामंदी के तलाक पेपर पर  साइन कर दिए और एक नए शहर में आपने बच्चे साथ रहने लगी । रिया अपने माँ -बाप के ऊपर बोझ नहीं बनना चाहती थी  । रिया ने एक बड़ी फर्म में नौकरी पकड़ ली और आपने बच्चे के लिए वह  बड़े बड़े डॉक्टर्स से मेडिकल सलाह लेने लगी थी । 

रिया के ऑफिस  में पायल काम करती थी । पायल का रुझान occult - science की तरफ़  था और वह huna - mystic की एक समर्पित साधक थी । पायल ने रिया को हुना तकनीक के विज्ञान के बारे में समझाया  और उसे भी हुना ध्यान करने के लिए प्रेरित किया । रिया ने ईमानदारी से अपने बच्चे और खुद के अच्छे जीवन की कामना  करते हुए हुना ध्यान करना आरम्भ कर दिया । कुछ महीनों के बाद रिया ने ध्यान दिया की उसका बच्चा अब काफी चीज़ों को समझने लगा था और उसका वर्ताब भी समझदारी वाला हो रहा था और अपने हाथों और पैरों की गति पर भी उसका नियंत्रण कुछ कुछ होने लगा था |

रिया अपने कलेजे के टुकड़े को मुस्करता हुआ देख कर फूली नहीं समाती थी   | अचानक एक दिन उसके पास सौरभ मिश्रा का फ़ोन आया सौरभ ने उसे बताया की वह  ऑस्ट्रेलिया  में एक प्रसिद्द यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है  | रिया को वह भूल नहीं सका था इसलिए अभी तक उसने शादी भी नहीं की थी सौरभ ने उसे बताया की कुछ दिनों से उसे अंदर से प्रेरणा मिल रही थी की रिया को उसके मदद की जरुरत है उससे कांटेक्ट किया जाए । अपने  एक पुराने कॉमन फ्रेंड से उसे रिया के बारे में पता चला और उसी से उसने रिया के मोबाइल का नंबर लिया था । रिया ,सौरभ की बातें सुन कर भावुक हो गई । सौरभ ने रिया को सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने  के लिए कहा और बोला की रिया और उसके बच्चे के आगे अभी पूरा जीवन पड़ा हुआ है ,रिया को अपने जीवन को दूसरा मौका देना चाहिए । 

सौरभ की बातों से रिया को काफी ढाँढस मिला और उसे लगा की दुनिया में उसके बच्चे की परवाह करने वाला और भी कोई है  । कुछ ही दिनों के बाद सौरभ इंडिया आया और रिया से शादी कर उसके  बच्चे को अपना कर  ऑस्ट्रेलिया चला गया । जहां प्रेम होता है वे सम्बन्ध निर्भार होते हैं ,उन संबंधों में भारीपन नहीं होता है ।  सौरभ ने दिल से रिया से प्रेम किया था और उसके बच्चे को उसने एक पिता बन कर ही हमेशा प्यार किया । वह बच्चा पिता का प्रेम और  सहयोग पा कर शरीरिक और मानसिक रूप से काफी स्वस्थ होने लगा । 



हुना मैडिटेशन ने रिया के जीवन में उसके बच्चे के साथ साथ उसके जीवन में भी प्रेम और स्थिरता की बढ़ोतरी की ।


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